Tuesday, September 2, 2008

घर मैं शांती होगी तो ही पड़ोस मैं शांती होगी । तभी आसपास शांती होगी । तभी शहर मैं शांती होगी और तभी जनपद मैं, प्रदेश मैं तथा देश मैं भी शांती होगी। wishwa शांती के लीए इसी प्रकार हर देश का हर शहर हर गाँव हर मोहल्ला जब शांत होगा तभी पूरा संसार शांत होसकेगा । क्या यह सम्भव है? यह कहा जाएगा की दूनीया मुर्दा हो गई। संसार के हर इन्सान को अगर शांती चाहीये तो उसे ख़ुद को शांत बनाना होगा। युद्ध करने वाले देश ऐसे ही हथीयार बनाना बंद नही करने वाले हैं। जब तक युद्ध करने वाले सीपाही युद्ध करने से इंकार नही करते तब तक हथीयार बनने बंद नही होंगे। युद्ध करने वाले सीपाही की रोज़ी रोटी का इंतजाम कीये बीना वह युद्ध करने से इंकार नही कर पायेगा। यही सोचना है की इस दीशा मैं कैसे आगे चला जाए।

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